MNV News

Latest Breaking News

नवरात्रि में कन्या पूजन की सही विधि, सिर्फ भोजन नहीं ये काम भी हैं जरूरी… तभी दूर होगी दरिद्रता

एमएनवी न्यूज़ की खास रिपोर्ट

ये है कन्या पूजन की सही विधि, सिर्फ भोजन नहीं ये काम भी हैं जरूरी… तभी दूर होगी दरिद्रता

नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन की परंपरा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं, इसीलिए नवरात्रि में उनकी पूजा करने का विशेष महत्व है।
इस विधि से करें कन्या पूजन
– कन्या पूजन में 2 से लेकर 10 साल तक की कन्याओं की ही पूजा करनी चाहिए। इससे कम या ज्यादा उम्र वाली कन्याओं की पूजा वर्जित है।
– अपनी इच्छा के अनुसार, नौ दिनों तक अथवा नवरात्र के अंतिम दिन कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित करें। कन्याओं को आसन पर एक पंक्ति में बैठाएं।
– ऊँ कौमार्यै नम: मंत्र से कन्याओं की पंचोपचार पूजा करें। इसके बाद उन्हें रुचि के अनुसार भोजन कराएं। भोजन में मीठा अवश्य हो, इस बात का ध्यान रखें।
– भोजन के बाद कन्याओं के पैर धुलाकर विधिवत कुंकुम से तिलक करें तथा दक्षिणा दें कन्या के चरणों में फूल अर्पण कर विदा करें ये है कन्या पूजन का महत्व…
1. श्रीमद्देवीभागवत महापुराण के तृतीय स्कंध के अनुसार, 2 वर्ष की कन्या को कुमारी कहते हैं। इसकी पूजा से गरीबी दूर होती है। 2. तीन साल की कन्या को त्रिमूर्ति कहते हैं। इसकी पूजा से धर्म, अर्थ व काम की प्राप्ति होती है। वंश आगे बढ़ता है।
3. चार साल की कन्या को कल्याणी कहते हैं। इसकी पूजा से सभी प्रकार के सुख मिलते हैं।
4. पांच साल की कन्या को रोहिणी कहते हैं। इसकी पूजा से रोगों का नाश होता है।
5. छ: साल की कन्या को कालिका कहा गया है। इसकी पूजा से शत्रुओं का नाश होता है।
6. सात साल की कन्या को चण्डिका कहते हैं। इसकी पूजा से धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
7. आठ साल की कन्या को शांभवी कहते हैं। इसकी पूजा से दुख दूर होते हैं।
8. नौ साल की कन्या को दुर्गा कहते हैं। इसकी पूजा से परलोक में सुख मिलता है।
9. दस साल की कन्या को सुभद्रा कहा गया है। इसकी पूजा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं

लाइव कैलेंडर

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  

LIVE FM सुनें