J&K में यूरोप से चलाया जा रहा आतंकी नेटवर्क, पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल का भंडाफोड़

गिरफ्तार आरोपी और ओजीडब्ल्यू प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बलविंदर भारत में आरोपियों और पाकिस्तान में हथियारों की खेप के संचालकों, दोनों के साथ समन्वय कर रहा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया, जिसे यूरोप से संचालित किया जा रहा था। पुलिस ने जम्मू में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन की मदद से हथियारों और विस्फोटकों की खेप गिराए जाने में शामिल उसके दो सदस्यों को गिरफ्तार किया।
आरएस पुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ बासपुर बांग्ला क्षेत्र में ड्रोन द्वारा हथियार गिराए जाने की जांच के दौरान डोडा के चंदर बोस और कैंप गोले गुजराल, जम्मू के शमशेर सिंह को पकड़ा गया। अधिकारियों ने बताया कि उनके पास से चार पिस्तौल, आठ मैगजीन और 47 गोलियां बरामद हुई हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने कहा कि पूछताछ के दौरान बोस ने खुलासा किया कि वह सिंह के इशारे पर काम कर रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों से पूछताछ के दौरान पता चला कि आतंकी मॉड्यूल का संचालक यूरोप में है। सिंह ने कहा, ‘दोनों (बोस और सिंह) एक ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के संपर्क में थे, जिसका नाम बलविंदर है, जो जम्मू का निवासी है और अब यूरोप में बस गया है।’
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपी और ओजीडब्ल्यू प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बलविंदर भारत में आरोपियों और पाकिस्तान में हथियारों की खेप के संचालकों, दोनों के साथ समन्वय कर रहा था।’
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Morbi Bridge: अहमदाबाद से करीब 200 किमी की दूरी पर बना यह सस्पेंशन ब्रिज शाम 6.42 पर टूट गया। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त पुल पर करीब 500 लोग थे और छठ पूजा से जुड़ी रस्में निभा रहे थे।
डॉक्टरों के लिए भी संघर्ष
मोरबी की रहने वाली सुमित्रा ठक्कर एक एनजीओ की सदस्य भी हैं। उन्होंने बताया कि सहकर्मियों को घायलों के लिए डॉक्टर तलाशने में मुश्किल हो रही है। सुमित्रा ने कहा, ‘रविवार है और मुझे जानकारी दी गई थी की त्योहार के सीजन के चलते निजी अस्पतालों में भी कम ही डॉक्टर हैं। आज की घटना ने 1979 की मच्छु डेम त्रासदी की याद दिला दी।’
हालात को संभालने के लिए मोरबी शासकीय अस्पताल में निजी डॉक्टर और पैरामिडिक्स की मदद लेनी पड़ी। राज्य के अन्य हिस्सों से 30 लोगों की टीम भेजी गई है।
हादसे को समझें
अहमदाबाद से करीब 200 किमी की दूरी पर बना यह सस्पेंशन ब्रिज शाम 6.42 पर टूट गया। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त पुल पर करीब 500 लोग थे और छठ पूजा से जुड़ी रस्में निभा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मच्छु नदी में अभी भी 100 लोग फंसे हुए हैं। करीब 70 लोगों को बचाया गया है और अस्पताल में दाखिल किया गया है।
राहत कार्य के लिए NDRF की पांच टीमें मौके पर भेजी गई थीं। इसके अलावा सेना, नौसेना और वायुसेना ने भी मोर्चा संभाला है। साथ ही घटनास्थल पर एक मेडिकल टीम भी तैनात है। करीब 150 साल पुराना यह केबल ब्रिज पर्यटन के लिहाज से लोकप्रिय जगह थी। रिनोवेशन के लिए यह 7 महीनों से बंद था। 26 अक्टूबर को इसे जनता के लिए दोबारा खोला गया।