गणपति निजी हॉस्पिटल में प्रसव कराने आई एक महिला की मौत ऑपरेशन के दौरान हो गई। चिकित्सक व कर्मी हॉस्पिटल से हुए फरार ।

फोटो 01- प्रसूता की मौत के बाद हॉस्पिटल में लोगों की भीड़
फोटो 02 – रोते बिलखते परिजन।
फोटो03- ऑपरेशन थिएटर का।
जगदूत न्यूज चौसा मधेपुरा से मोहम्मद अनसार आलम की रिर्पोट
चौसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार पांच बजे गर्भवती महिला रिंकी देवी उम्र (35) वर्षीय पत्नी को राजकुमार ने सीएचसी चौसा में भर्ती कराया गया था।डिलीवरी पेसेंट के पति ने एएनएम को चेक करने के लिए कहा एएनएम ने पेसेंट के पति को धोप दिया और कहा की इस पेसेंट को पांच बजे आठ बजे सुबह डिलीवरी होगा अभी कुछ नहीं करेगें तुम चुप चाप बैठो। उसके बाद पेसेंट के पति बैठ गए फिर पेसेंट नीचे तड़प रही पेसेंट के उपर नहीं तो डाक्टर नहीं तो एएनएम का ध्यान गया। कोई सुनवाही नहीं हुई । पेसेंट पति ने कहा अगर ठीक नहीं होगी तो रेफर कीजिए, बेहतर उपचार के लिए हेयर सेंटर देखेंगे।रेफर भी नहीं क्या गया। ओर एएनएम के द्वारा बोला गया 2000 हज़ार रूपया देने पर हम तुरंत हाथ लगायेगे। पेसेंट पति 5000 हज़ार रूपया देने को तैयार हो गए जब रूपया पर तैयार हो गए और रेफर कर के हाथ लगाने गए की पेसेंट की मौत हो चुकी थी।
रैफर जल्दी नहीं करने पर महिला की मौत हो गई. मौत के बाद बाद परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरतने से दोनों की मौत हो गई.परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया.जानकारी के अनुसार शनिवार शाम पांच बजे गर्भवती रिंकी देवी उम्र (35) वर्षीय पत्नी राजकुमार मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड के चिरौरी पंचायत तिनमुही टोला वार्ड नंबर 01 निवासी को सीएचसी चौसा में भर्ती कराया गया था.पुलिस ने नहीं ली पीड़ित की तहरीर. इसके बाद परिवार के लोग शव को सीएचसी चौसा में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे. उधर मामले की जानकारी मिलते ही चौसा पुलिस दल-बल के साथ अस्पताल पहुंचकर नाराज लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. वहीं पुलिस की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. परिजनों का आरोप है कि उनकी तहरीर भी पुलिस ने नहीं ली, वहीं आरोप के बावजूद मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम तक नहीं करवाया गया.पुलिस पर भी गम्भीर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेना मुनासिफ नहीं समझा और ना ही परिजनों की तहरीर लेकर कोई कार्रवाई नहीं की. परिजनों को समझा बुझाकर की देर रात मृतकों को घर भेजा गया। सीएसची सवालों के घेरे में वहीं इस मामले में चौसा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जच्चा बच्चा की मौत के बाद गंभीर आरोप लगे हैं.
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न्यूज चौसा मधेपुरा से मोहम्मद अनसार आलम की रिर्पोट