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आतंक का रहनुमा क्यों बन रहा चीन? 6 महीनों में इन 5 को बचाया, मुंबई हमले के दोषी भी शामिल

चीन ने एक बार फिर से आतंकवाद पर लगाम कसने की भारत की कोशिशों पर अड़ंगा लगा दिया है। उसने पाकिस्तानी आतंकी हाफिज तल्हा सईद को यूएन से ब्लैकलिस्ट कराने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है।

आतंक का रहनुमा क्यों बन रहा चीन? 6 महीनों में इन 5 को बचाया, मुंबई हमले के दोषी भी शामिल

चीन ने एक बार फिर से आतंकवाद पर लगाम कसने की भारत की कोशिशों पर अड़ंगा लगाया है। उसने पाकिस्तानी आतंकी हाफिज तल्हा सईद को यूएन से ब्लैकलिस्ट कराने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है। सुरक्षा परिषद में बीते 6 महीनों में यह 5वां मौका है, जब चीन ने इस तरह से प्रस्ताव को गिराया है। संयुक्त राष्ट्र में सालों से अमेरिका का समर्थन हासिल करने के बाद भी भारत को इस तरह चीन से झटका झेलना पड़ा है। लेकिन पिछले 6 महीनों में ऐसा 5 बार हुआ है और ड्रैगन ने हाफिज सईद के बेटे समेत कई खूंखार आतंकवादियों को बचाया है। आइए जानते हैं, अब तक किन आतंकियों के लिए रहनुमा बनने की कोशिश कर चुका है चीन…

खूंखार हाफिज सईद का बेटा तल्हा

हाफिज तल्हा सईद आतंकी संगठन लश्कर के सरगना हाफिज सईद का बेटा है। सईद पर मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड होने का आरोप है। फिलहाल इसी को ब्लैकलिस्ट करने की कोशिश पर चीन ने पलीता लगाया है। चीन ने सईद को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की ‘1297 अल क़ायदा प्रतिबंध कमेटी’ के तहत ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव को पास नहीं होने दिया है। बीते दो दिनों में दूसरी बार चीन ने भारत और अमेरिका के किसी व्यक्ति को ग्लोबल टेरोरिस्ट की सूची में शामिल करने के प्रयास को नाकाम किया है। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन के रवैये पर सवाल उठाया है।

अमेरिका के वित्त विभाग की ओर से दिसंबर दिसंबर 2016 में महमूद और लश्कर के एक अन्य सरगना मोहम्मद सरवर को आतंकवादी घोषित कर दिया था। महमूद पर टेरर फंडिंग के आरोप रहे हैं। उसने लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग की थी। उसकी फाइनेंसियल विंग फ़लाह-ए-इंसानियात फ़ाउडेंशन का वह वाइस चैयरमेन रहा है। अमेरिका के मुताबिक़ अगस्त 2013 में महमूद की पहचान लश्कर के पब्लिकेशन विंग के सदस्य के तौर पर हुई थी। इससे पहले वो लश्कर के विदेशी ऑपरेशन के प्रमुख साजिद मीर की टीम से जुड़ा था। महमूद ने माना था कि लश्कर का मकसद भारत और अमेरिका पर अटैक करना है।

मक्की पर भी चीन ने की थी मक्कारी 

अब्दुल रहमान मक्की हाफिज सईद का रिश्ते में साला लगता है। अमेरिका की ओर से उसे आतंकवादी घोषित किया गया था, लेकिन चीन ने उसे भी ब्लैकलिस्ट करने की कोशिशों को आखिरी वक्त में रोक दिया था। मक्की जमात उद दावा का दूसरे नंबर का सरगना है। यही नहीं कहा तो यहां तक जाता है कि हाफिज सईद इन दिनों बीमार है और मक्की ही आतंकी कारनामों को अंजाम दे रहा है। अमेरिका का दावा है कि मक्की लश्करे तैयबा के ट्रेनिंग कैंपो को फंड करता है। साल 2007 में मक्की ने ऐसे ही एक ट्रेनिंग कैंप को क़रीब ढाई लाख अमेरिका डॉलर दिए थे।

अब्दुल राउफ़ अजहर का भी रहनुमा बना था चीन

इसी साल अगस्त में चीन ने जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के सरगना अब्दुल राउफ अजहर पर पाबंदी लगाने के प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी थी। अजहर को अमेरिका ने 2010 में आतंकवादी घोषित कर दिया था। उस पर पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगता रहा है। जैश का भारत का सरगना भी अजहर रहा था। ऐसे में अमेरिका और भारत दोनों की ही उस पर बैन लगाने में दिलचस्पी थी, लेकिन चीन ने इस बार भी रास्ता रोक दिया। यही नहीं 2008 में उसे भारत में आत्मघाती हमले करने का काम भी मिला था। दिसंबर 1999 में काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइन्स को हाईजैक करने के बाद अज़हर दुनिया की नज़र में आया था।

मुंबई हमले के दोषी साजिद मीर को भी दिया था कवच

इसी तरह चीन ने मुंबई आतंकी हमलों के अभियुक्त साजिद मीर पर बैन की कोशिश पर भी वीटो लगा दिया था। मुंबई आतंकी हमलों में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और ऐसे जघन्य अटैक के दोषी साजिद मीर को चीन ने कवच प्रदान किया था। भारत और अमेरिका उसे वैश्विक आतंकी की सूची में डालना चाहते थे। साजिद मीर भारत के मोस्ट वांटेड चरमपंथी हैं। अमेरिका ने भी उन्हें पकड़ने के लिए 50 लाख अमेरिका डॉलर का इनाम रखा हुआ। इस वर्ष जून में पाकिस्तान की एक अदालत ने उन पर चल रहे आतंकवादी गतिविधियों के लिए फ़ंड इकट्ठा करने के केस में 15 साल की सज़ा सुनाई थी।

 

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