तकनीकी खराबी के कारण हुआ हादसा

नौसेना की ओर से ट्विटर पर साझा की गई जानकारी में बताया गया है कि यह लड़ाकू विमान गोवा के समुद्री तट के ऊपर नियमित उड़ान पर था। तभी इसमें किसी तकनीकी खराबी का पता चला, जिसके बाद पायलट अपने बेस स्टेशन की ओर लौटने लगा। इसी दौरान विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट ने दुर्घटना के ठीक पहले खुद को सकुशल इजेक्ट कर लिया था।

MiG 29K की खासियत

उल्लेखनीय है कि MiG 29K लड़ाकू विमान एक बेहद उन्नत विमान है जो किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। यह ध्वनि से दोगुनी रफ्तार (2000 किमी प्रतिघंटा) पर उड़ सकता है। यह अपने वजन से आठ गुना ज्यादा भार ले जाने में सक्षम है और 65000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है।

भारतीय नौसेना करती है मिग 29K का इस्तेमाल

दुनिया में मिग 29K लड़ाकू विमान का इस्तेमाल सिर्फ भारतीय नौसेना ही करती है। मिग 29 का भारत ने एडमिरल गोर्शकोव के साथ रूस से अधिग्रहण किया था। बाद में एडमिरल गोर्शकोव का नाम बदलकर आईएनएस विक्रमादित्य किया गया थ

आईएनएस हंसा पर तैनात है मिग 29K

सुरक्षा के मामले में मिग-29K का रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है। इसीलिए नौसेना कोच्चि में आईएनएस विक्रांत से संचालन के लिए 25-26 विदेशी लड़ाकू विमानों की खरीद पर विचार कर रहा है। मिग-29 को गोवा में नौसेना बेस आईएनएस हंसा पर तैनात किया गया है।