खेरिया गांव पर मंडराने लगा है कटाव का खतरा|

खेरिया गांव पर मंडराने लगा है कटाव का खतरा|
कुरसेला /कटिहार।
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कुरसेला प्रखंड में पत्थर टोला से लेकर गुमटी टोला तक गंगा कोसी का जल स्तर बढ़ने से भीषण कटाव लगभग एक सप्ताह से जारी है। कटाव से सबसे अधिक प्रभावित खैरिया गांव है , इस गांव की ओर धीरे-धीरे कटाव तेजी से बढ़ रहा है । कटाव स्थल से खेरिया गांव दूरी महज (500) पांच सौ मीटर बचा हुआ है। जिससे गांव वासी भयभीत है। गांव वासी गणेश यादव ,अभिनंदन यादव, भूषण यादव ,शंकर यादव, मिट्ठू यादव ,एतवार यादव ,नकुल यादव ,सीताराम यादव ,परमानंद यादव ,गौतम यादव ,अरविंद यादव, ने बताया कि कटाव अगर इसी तरह जारी रहा तो हम लोगों को बहुत जल्द ही विस्थापित होना पड़ेगा।
तथा विस्थापित का दंस पहले भी कुरसेला प्रखंड के मलिनिया वासी झेल चुके हैं ।अब लगता है कि हम लोगों को भी वही दंस झेलना पड़ेगा। क्योंकि गंगा व कोसी में हो रहे कटाव तथा गांव की दूरी महज 500 मीटर बची हुई है। कटाव का खतरा खेरिया गांव पर मंडराने लगा है। जिससे गांव वासियों में अफरा-तफरी का माहौल है ।लोग भयभीत है । गांव वासियों ने यह भी बताया कि हम लोग किसान हैं और घर का सारा दारोमदार कृषि पर ही निर्भर है लेकिन अभी तक सैकड़ों एकड़ जमीन गंगा व कोसी के गर्भ में समा चुकी है और रोजाना 5 एकड़ जमीन कोसी व गंगा में समा रही है अब कटाव धीरे-धीरे हम लोगों के गांव की ओर बढ़ रहा है । उपजाऊ भूमि गंगा व कोसी में हो रहे कटाव के कारण हम गांव वासियों का सैकड़ों एकड़ जमीन गंगा व कोसी में समा चुकी है।
अब हम लोगों के आगे अपने परिवारों के भरण- पोषण का संकट गहराने लगा है । दक्षिणी मुरादपुर पंचायत के मुखिया ललन राम तथा पूर्व पंचायत समिति अजय यादव ने बताया कि लगभग एक सप्ताह से भीषण कटाव खेरिया घाट पर जारी है । गंगा व कोसी का संगम होने के कारण यह कटाव खेरिया गांव की ओर मुड़ गया है जिससे भीषण कटाव प्रतिदिन जारी है। उन्होंने आक्रोश पूर्ण लहजे मे कहा कि शासन और प्रशासन यदि जल्द से जल्द बाढ़ निरोधक कार्य ,ठोकर का निर्माण नहीं कराया तो खेरिया गांव को कटाव से बचने से कोई नहीं रोक सकता है । यदि प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द ठोकर निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया गया तो पत्थर टोला, बालू टोला ,तीनघरिया, खेरिया,कमला कान्ही, गुमटी टोला के हजारों ग्रामीण सड़क तथा रेलवे मार्ग को अवरुद्ध करने के लिए बाध्य होंगे तथा आंदोलन की चेतावनी भी दी है। उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्ष पहले बाढ़ निरोधक कार्य करवाया गया था। लेकिन 2 वर्ष के बाद फिर कटाव जस का तस जारी रहा। इसके एक वर्ष पूर्व भी बिहार सरकार के जलसंसाधन विभाग के वरीय अधिकारी एवं जिलाधिकारी कटाव स्थल का जायजा लेने आए थे। लेकिन अभी तक कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया है ।जिसके कारण खेरिया गांव पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है।