अब जिले के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को पर्ची भरने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।

अब जिले के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को पर्ची भरने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। पर्ची के बदले उनको यूनिक हेल्थ आइडी कार्ड मिलेंगे। इसके लिए विभागीय स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। राज्य मुख्यालय ने मुजफ्फरपुर को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित किया है। सिविल सर्जन से पूरे जिले के इलाज की सुविधा का फीडबैक लिया है।
\योजना को जमीन पर उतारने के लिए अगले सप्ताह से चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि अब नई व्यवस्था के बाद मरीजों का कार्ड भी बनने लगेगा।सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले सभी मरीजों को यूनिक आइडी नंबर मिलेगा। इसके आधार पर वह देश के किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करा सकेंगे।
उन्हें इलाज से जुड़े अपने अभिलेख संभालने और दूसरे अस्पतालों में ले जाने की जरूरत नहीं होगी। इलाज करने वाले चिकित्सक आइडी से ये जान सकेंगे कि मरीज को पहले कौन सी बीमारी रही है और क्या इलाज किया गया। इसकी शुरुआत सदर अस्पताल से होगी। उसके बाद धीरे-धीरे पीएचसी व सबसेंटर भी जुड़ेंगे।
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