पंजाब में भारत-पाक सीमा पर बढ़ी ड्रोन गतिविधियां बनी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती

पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस वर्ष ड्रोन की गतिविधियों में अचानक तेजी आई है। गत सप्ताह बीएसएफ ने तीन ड्रोन को गिराया। इन ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से हथियारों व नशे की तस्करी की जा रही है।
प्रेट्र, चंडीगढ़। पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस वर्ष ड्रोन से नशा व हथियार तस्करी के मामलों में वृद्धि हुई है। राज्य में इस वर्ष अब तक 150 से अधिक गतिविधियां पकड़ी गई हैं। ड्रोन की बढ़ती गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया है। ड्रोन की आवाजाही सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
बीाएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नशीले पदार्थों, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार 2019 में पंजाब में सामने आया था। सीमा सुरक्षा बल पाकिस्तान के साथ सीमा के 553 किलोमीटर के हिस्से की रक्षा कर रहा है। बीएसएफ ने इस साल 10 ड्रोन (पिछले सप्ताह में तीन) को गिराया है। इसके अलावा कई मानव रहित हवाई वाहनों की घुसपैठ को विफल किया है।
बीएसएफ (पंजाब फ्रंटियर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब तक 150 से अधिक ड्रोन गतिविधियों को देखा गया है।” अधिकारियों ने कहा कि एक ड्रोन को 14 अक्टूबर को अमृतसर में शाहपुर सीमा चौकी के पास गिराया गया था, दो को 16 और 17 अक्टूबर को अमृतसर सेक्टर में गिराया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आइएसआइ द्वारा समर्थित तस्कर परिष्कृत और उच्च श्रेणी के चीनी ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। यह न्यूनतम ध्वनि और उच्च स्तर पर उड़ान भरने में सक्षम हैं। एक ड्रोन जिसे 14 अक्टूबर को गिराया गया था, वह एक क्वाडकॉप्टर (डीजेआई मैट्रिस) था और इस ड्रोन के साथ एक होल्डिंग और रिलीजिंग मैकेनिज्म भी मिला था।
अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश ड्रोन गतिविधियां अमृतसर और तरनतारन जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों में केंद्रित हैं। हालांकि, फिरोजपुर और गुरदासपुर इलाकों में भी ड्रोन गतिविधियों को देखा गया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ ने