एक तरफ जहां सरकार गंगा नदी में इको टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है वहीं दूसरी ओर इकोसिस्टम का ख्याल रखना उतना ही जरूरी|
एक तरफ जहां सरकार गंगा नदी में इको टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है वहीं दूसरी ओर इकोसिस्टम का ख्याल रखना उतना ही जरूरी|
संवाददाता विभूति सिंह|
एंकर-भागलपुर,गंगा विलास क्रूज अभी बिहार से बहने वाली गंगा के रिभर बेड पर है। स्विट्जललैंड और जर्मनी के 32 पर्यटकों को लेकर मैदानी इलाके के सर्पाकार बहाव वाले इलाके की विरासत का दीदार करते हुए गंगा नदी में मचलने वाली गांगेय डॉल्फिन का नमस्कार भी स्वीकार कर रहे हैं। भारत सरकार इको टूरिज्म को बढ़ावा देना चाह रही है।
लेकिन यहाँ थोड़ा एलर्ट रहने की जरूरत है। चीन के यांग्त्जी नदी में बाईजी डॉल्फिन अब विलुप्त हो चुकी है। जिसका मुख्य कारण नदी में यातायात को बढ़ावा देना रहा। डॉल्फिन हमारी राष्ट्रीय जलीय जीव है। साथ ही अतिसंवेदनशील जीव है। आंखों से देखने में असमर्थ है। डॉल्फिन का नुकसान राष्ट्र का नुकसान माना जा सकता है।
जैसा कि गंगा प्रहरी और पर्यावरणविद आशंका जता रहे हैं। मतलब अगर सरकार गंगा नदी में इको टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है तो गंगा नदी के इकोसिस्टम का ख़याल रखना चाहिए।
बाइट – अरबिंद मिश्र, पर्यावरणविद सह सदस्य, आईयूसीएन, बिहार।
बाइट – दीपक, गंगा प्रहरी, भागलपुर।