भारत और चीन के बीच शुरू होनी चाहिए सीधी उड़ानें, दोनों देशों के इस पर करना चाहिए काम; बीजिंग ने जाहिर की इच्छा
लगभग 23000 भारतीय छात्र जिनमें से ज्यादातर चीन में मिडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वह चीन के कोविड वीजा प्रतिबंधों के कारण घर वापस आने को मजबूर हो गए। भारतीय छात्रों ने अपने कॉलेजों में फिर से पढ़ाई में शामिल होने के लिए चीन जाने को तैयार हैं।
कोलकाता, पीटीआइ। भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरू होनी चाहिए और दोनों देशों की सरकारों को इस पर मिलकर काम करना चाहिए। यह बात चीन के महावाणिज्य दूत झा लियू ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कही।
लियू ने बुधवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और चीन के बीच सीधी हवाई यात्रा शुरू होनी चाहिए और दोनों सरकारों को इस दिशा में काम करना चाहिए। कई भारतीय छात्र अब चीन लौटने के इच्छुक हैं।
भारतीय यात्री इस समय श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार के रास्ते चीन की यात्रा कर रहे हैं, जिसके लिए हवाई किराए में भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है। भारत और चीन सीमित उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए कई महीनों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन बातचीत बहुत कम आगे बढ़ी।
बता दें कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच उड़ान सेवाएं तब से बाधित हैं, जब से कोरोना वायरस पहली बार 2019 के अंत में चीन के वुहान में शहर में पाया गया था। वुहान के बाद कोरोना वायरस दुनियाभर में फैल गया।