ब्रह्मानंद मिश्र। देश में 5जी की शुरुआत के साथ ही लोगों के मन में स्मार्टफोन को नेटवर्क से कनेक्ट करने से लेकर साफ्टवेयर को अपडेट करने तक अनेक तरह के सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि 5जी फोन लेने के बाद भी उनके नेटवर्क में 5जी नहीं आ रहा है। वे 5जी हैंडसेट निर्माता कंपनी से साफ्टवेयर अपडेट से संबंधित जानकारी भी मांग रहे थे। ऐसे सवाल अभी देश में तमाम लोगों के मन में हैं। वे 5जी सेवाओं के बारे में सही और उपयोगी जानकारी चाह रहे हैं। इस संदर्भ में आइए जानते हैं, 5जी सिम, उसे अपग्रेड करने की जरूरत, 5जी नेटवर्क और टेलीकाम कंपनियों के जरूरी दिशा-निर्देशों के बारे में…

कुछ लोगों के पास पहले से ही 5जी सपोर्टेड स्मार्टफोन तो हैं, लेकिन उसमें 5जी नेटवर्क नहीं आ रहा है। अब सवाल है कि दूसरे देशों जो 5जी डिवाइस चल रही है, उसे भारत में साफ्टवेयर अपडेट करने की क्यों जरूरत पड़ रही है। इसका जवाब है कि इसे भारत में 5जी फ्रीक्वेंसी बैंड के अनुसार आप्टिमाइज करना होगा, तभी इस तरह की डिवाइसेज नेटवर्क को सपोर्ट करेंगी। भारत में 5जी के लिए फ्रीक्वेंसी बैंड को तीन हिस्सों में बांटा गया है-लो, मिड और हाइबैंड एमएमवेव। 5जी नेटवर्क सपोर्ट के लिए सबसे पहले हैंडसेट निर्माता कंपनियों को फ्रीक्वेंसी पर लगे साफ्टवेयर लाक को हटाना होगा, तभी अलग-अलग बैंड पर डिवाइसेज सपोर्ट करेंगी। चूंकि इस तरह के हैंडसेट देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत से पहले ही तैयार हो गए थे, ऐसे में अलग-अलग फ्रीक्वेंसी बैंड की एक्सेस को रोकने के लिए उसमें साफ्टवेयर लाक लगा दिए गए थे।

साफ्टवेयर अपडेट ही एकमात्र समाधान!

विशेषज्ञों का मानना है कि 5जी सपोर्ट के लिए कुछ स्मार्टफोन को साफ्टवेयर अपडेट की आवश्यकता नहीं होगी। एयरटेल ने 5जी सेवाओं को सपोर्ट करने वाली डिवाइसेज की एक सूची भी जारी की है। इसमें रियलमी 8एस. रियलमी एक्स7 मैक्स, श्योमी एमआइ10, पोको एम3 प्रो, ओपो रेनो5जी प्रो, वीवो एक्स50प्रो, वनप्लस नोर्ड, सैमसंग गैलेक्सी ए53 आदि हैंडसेट शामिल हैं। वहीं जियो का कहना है कि ज्यादातर 5जी डिवाइसेज जियो5जी नेटवर्क को सपोर्ट करेंगी। कुछ डिवाइस में साफ्टवेयर अपडेट की जरूरत पड़ सकती है। इसके जल्द समाधान के लिए कुछ डिवाइस निर्माता कंपनियों के साथ जियो काम भी कर रहा है। अगर आपके पास सैमसंग, वनप्लस या एपल स्मार्टफोन है, तो दिसंबर तक इसके साफ्टवेयर अपडेट जारी हो सकते हैं।