पाकिस्तान ख़बर:– कराची बंदरगाह पर फंसे कई जरूरी सामानों के कंटेनर खाद्य संकट से निपटने में नाकाम पाकिस्तान!
पाकिस्तान ख़बर:– कराची बंदरगाह पर फंसे कई जरूरी सामानों के कंटेनर
खाद्य संकट से निपटने में नाकाम पाकिस्तान!
पाकिस्तान इन दिनों गेहूं संकट के सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहा है। कमी के कारण कई प्रांतों में आटे और गेहूं के दाम आसमान छू रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा में सबसे खराब स्थिति देखी जा रही है।
गेहूं की कमी के बीच, पाकिस्तानी बैंकों ने विदेशी मुद्रा भुगतान करने में आनाकानी की है जिसके कारण कराची बंदरगाह पर हजारों शिपिंग कंटेनर को रोक दिया गया है। समाचार एंजेसी के मुताबिक, इन कंटेनर में कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो खराब हो सकते हैं और कई जरूरत की दवाइयां भी हैं। फिलहाल पाकिस्तान गेहूं की कमी के सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहा है। खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में कई क्षेत्रों से गेहूं की काफी कमी हो गई है।
खैबर पख्तूनख्वा में सबंस खराब हालात
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान में जारी संकट के बीच गेहूं और आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं। कराची में आटा 140 रुपये प्रति किलोग्राम से 160 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। वहीं, इस्लामाबाद और पेशावर में 10 किलो आटे का बैग 1,500 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि 20 किलोग्राम के आटे की थैली 2,800 रुपये में बेचा जा रहा है। पंजाब प्रांत में मिल मालिकों ने आटे की कीमत 160 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है। इसके अलावा पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा आटे की संकट की सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहा है। यहां पर 20 किलोग्राम आटे का एक बैग 3,100 रुपये में बेचा जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार कीमत को नियंत्रित करने में विफल हो गई है।
पिछले महीने, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने आयात प्रतिबंधों को हटा दिया जो 2 जनवरी को लागू हो चुका है। एसबीपी के प्रवक्ता आबिद कमर ने कहा, “पिछले महीने जारी किए गए आदेशों के मद्देनजर, एसबीपी ने बैंकों को आयात को सुविधाजनक बनाने की शक्ति दी है। इसलिए बैंकों को खाद्य पदार्थ या दवाइयों के आयात के लिए एलसी खोलने के लिए प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। बैंक एलसी खोलने पर अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।” एसबीपी के अनुसार, बैंकों को उन आयातों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो आवश्यक आयातों की श्रेणी में आते हैं, जैसे कि खाद्य (गेहूं, खाद्य तेल, आदि) और फार्मास्यूटिकल्स (कच्चा माल, जीवन रक्षक/आवश्यक दवाएं) आदि।
रमजान के महीने में आ सकती है नई समस्या
कराची होलसेल ग्रॉसरी एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल रऊफ इब्राहिम के अनुसार, दालों के 6,000 से अधिक कंटेनर बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं। बैंकों को इन आयातों के लिए भुगतान करने में आपत्ति है। इब्राहिम ने कहा, “आयातकों ने इन फंसे हुए कंटेनरों के लिए शिपिंग कंपनियों को 48 मिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान किया है। यदि ये कंटेनर रिहा नहीं किए गए तो रमजान के महीने में दालों की आपूर्ति और लागत में एक नई समस्या होगी।”
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पाकिस्तान बाहरी वित्तपोषण की कमी के कारण भुगतान करने में कठिनाई का सामना कर रहा है। जिसके कारण इसका विदेशी भंडार प्रभावित हुआ है और डॉलर की पुरानी कमी पैदा हो गई है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, 6 जनवरी तक, एसबीपी का विदेशी मुद्रा भंडार 4.3 अरब अमेरिकी डॉलर के लगभग नौ साल के निचले स्तर तक गिर गया था, जो आयात के वित्तपोषण के मामले में देश के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया था।
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