छठ के दूसरे दिन यानी खरना के दौरान महिलाएं प्रसाद को ही भोज के रूप में खाती हैं.खरना में गुड़ की खीर समेत ये चीजें खाई जाती हैं, जानें इनके फायदे
नहाय-खाय के साथ पूरे भारत में साल 2022 के छठ पर्व की शुरुआत आज से हो गई है. छठी मैया और सूर्य देव की उपासना करने वाले सभी रीति-रिवाजों को ध्यान में रखकर पूजा पाठ करते हैं. ये त्योहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मुख्य रूप से सेलिब्रेट किया जाता है. पर्व के पहले दिन नहाय-खाय की रीत निभाई जाती है और इसके बाद अगला दिन खरना का होता है. इस साल ये दिन 29 अक्टूबर को पड़ रहा है. खरना को एक तरह के प्रसाद का रूप माना जाता है,
जिसमें व्रती बहुत साफ-सफाई से चीजों को तैयार करके मैया को भोग लगाती हैं. इसके साथ ही व्रती पवित्र गंगा नदी में स्नान करती हैं और छठी मैया के गीत गाती हैं.
छठ के दूसरे दिन यानी खरना के दौरान महिलाएं प्रसाद को ही भोज के रूप में खाती हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं खरना में किन चीजों को मुख्य रूप से बनाया जाता है और इनके स्वास्थ्य संबंदी लाभ क्या हैं?
खरना के दिन बनाई जाती हैं ये चीजें
प्रसाद में गुड़ वाली खीर (रसिया भी कहते हैं), केला, पूड़ी, मूली, पूजा वाली सुपारी, पान का पत्ता चढ़ाया जाता है…प्रसाद मिट्टी के बर्तन में दिया जाता है
खरना के दिन व्रती महिलाएं गुड़ और चावल की खीर बनाती हैं, जिसे विशेष तौर पर मिट्टी के बर्तन में बनाने का ही प्रावधान होता है. प्रसाद में केला, पूड़ी, मूली, पूजा वाली सुपारी, पान का पत्ता चढ़ाया जाता है. इन सब चीजों को प्रसाद के रूप में तैयार किया जाता है इसलिए इस दौरान साफ सफाई का खास ध्यान रखने का भी प्रावधान होता है. गुड़ की खीर को दूध से तैयार किया जाता है, लेकिन इसमें कई ड्राई फ्रूट्स भी डाले जाते हैं और इसी कारण ये सेहत के लिए फायदेमंद होती है.
खरना के प्रसाद से मिलने वाले फायदे
खरना के प्रसाद में खीर को सुपरफूड गुड़ से तैयार किया जाता है. गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम व अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसका एक फायदा ये भी है कि सर्दियों में रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती हैं, ऐसे में गुड़ उन्हें गर्माहट देने का काम करता है. सीधे शब्दों में कहे तो इससे नसों में खून का बहाव बेहतर हो पाता है. गुड़ शरीर को एनर्जी देने का काम करता है. गुड़ की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे ठंड में खाने की सलाह दी जाती है.