साफ्टवेयर इंजीनियर से दुष्कर्म मामले में पुलिस अब तक खाली हाथ, एसआइटी का गठन
चाईबासा सामूहिक दुष्कर्म को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पीड़िता के घर पहुंच गया है। एसपी ने कहा कि आरोपितों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। इधर पीड़िता अपने घर पहुंच चुकी है तथा घर पर ही काउंसिलिंग हो रही है।
चाईबासा में आदिवासी युवती के साथ दस लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म के बारे में चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर ने एसआइटी का गठन किया है। इस टीम का नेतृत्व चाईबासा डीएसपी दिलीप खल्को व जगन्नाथपुर डीएसपी इकुड डुंगडुंग कर रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है। महिला थाना भी इस केस की मानिटरिंग कर रही है। पीड़िता की मेडिकल जांच भी कराई गई है। एसपी ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। मामले में अब तक पांच को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपितों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
पीड़िता ने कहा सामने आ जाए तो आरोपितों की कर लूंगी पहचान
चाईबासा की रहने वाली तथा बेंगलूरू की एक कंपनी में कार्य करने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदिवासी युवती का सामूहिक दुष्कर्म के बाद युवती का मेडिकल जांच कराया गया। उसके बाद युवती को परिजन अपने घर लेकर आ गए है। युवती काफी सहमी हुई है और मानसिक रूप से कमजोर हो गई है। कुछ भी बोल नहीं पा रही है। सोते-सोते उसे घटना की याद ताजा हो जा रही है। घर में पीड़िता का इलाज चल रहा है तथा काउंसिलिंग भी की जा रही है। इस दौरान पीड़िता ने कहा कि आरोपित पकड़े जाए तो वे उन्हें पहचान लेंगी। उनके जेहन में तस्वीर पूरी तरह साफ है।
भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पीड़िता के घर पहुंचा
भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पीड़िता के घर पहुंच परिजनों से घटना की जानकारी ली। इस प्रतिनिधिमंडल भाजपा के वरिष्ठ नेता जेबी तुबिद, प्रदेश महामंत्री राीता मिश्रा, पूर्व विधायक शशिभूषण सामड, पश्चिम सिंहभूम जिला भाजपा अध्यक्ष सतीश पुरी समेत अन्य लोग शामिल है। भाजपा जिला सतीश पुरी ने कहा कि घटना झारखंड को शर्मशार करने वाली है। कानून व्यवस्था चरमरा गई है। मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर आरोपितों को सजा मिलनी चाहिए। इस तरह की घटना से पूरा समाज बदनाम हो रहा है।