पटना में डेंगू प्रकोप:डेंगू से बच्चे की मौत, 198 नए केस मिले, पर जहां मरीज वहां अब भी फॉगिंग नहीं
पटना में डेंगू प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को यहां के अस्पतालों और लैब में हुई जांच में 378 डेंगू मरीज मिले। इनमें 198 पटना के हैं। इसके साथ ही जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 2365 हो गई है। बुधवार को सबसे अधिक अजीमाबाद में 79, बांकीपुर में 59, कंकड़बाग में 15, पटना सिटी में 11, नूतन राजधानी में 10 और पाटलिपुत्रा में 9 मरीज मिले हैं। एनएमसीएच में डेंगू पीड़ित सालीमपुर थाना क्षेत्र के बिहटा निवासी 10 वर्ष के बच्चे की मौत हो गई है।
शिशु रोग विभाग के डाॅ अतहर अंसारी ने बताया कि 10 वर्षीय नंदन कुमार को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था। उधर अजीमाबाद, बांकीपुर, कंकड़बाग, आलमगंज, पाटलिपुत्रा, महेंद्रू, भीखना पहाड़ी, संदलपुर, बिस्कोमान कॉलोनी, पटना सिटी आदि इलाके हॉटस्पॉट बने हुए हैं। इसके बावजूद प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से फॉगिंग नहीं हो रही है।
इस बीच प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने अभियान चलाकर फॉगिंग कराने का आदेश दिया है। उन्हाेंने ब्लड बैंक को अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि डेंगू मरीजों के लिए पीएमसीएच में 100, एनएमसीएच में 75, आईजीआईएमएस में 50 और एम्स में 50 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है। वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में न्यूनतम 30-30, जिला अस्पतालों में 10-10 और अन्य अस्पतालों में 5-5 बेड सुरक्षित रखे गए हैं।
लापरवाही ठीक नहीं : अबतक 2365 हो चुके पीड़ित
पीड़ित दंपती ने कहा-एक महीने से नहीं आई है फॉगिंग करने वाली टीम
पटना|शहर मंे डेंगू मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। जहां मरीज मिल रहे हैं, उसकी 500 मीटर की परिधि में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कराने का निर्देश डीएम ने नगर निगम काे दिया गया है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जबकि, स्वास्थ्य समिति द्वारा नगर निगम को रोजाना डेंगू प्रभावित इलाकों की सूची सौंपी जा रही हैै। शहर के बीच इनकम टैक्स गोलंबर से लगे इलाके में प्रकाेप फैला है।
एसके नगर रोड नंबर-27 के प्रमाेद सिंह और उनकी पत्नी सुधा सिंह डेंगू से पीड़ित हैं। इनके अलावा इस कॉलोनी के कई घरों में डेंगू के मरीज हैं। पीड़िताें ने भास्कर को बताया कि एक महीने से फॉगिंग की टीम यहां नहीं पहुंची हैै। गंदगी भी बढ़ गई है, क्याेंकि साफ-सफाई का बेहतर इंतजाम नहीं है। इससे मच्छर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हालांकि नगर निगम द्वारा दावा किया जा रहा है कि प्रतिदिन गाड़ियों और हैंड मशीन से फॉगिंग करवाई जा रही है। निगम के पास दो माह के लिए पर्याप्त केमिकल उपलब्ध है।