ऐक्ट्रेस नयनतारा के शादी के चार महीने बाद जुड़वां बच्चे और सरोगेसी क़ानून पर उठते सवाल
तमिल फ़िल्मों के निर्देशक विग्नेश सिवन और ऐक्ट्रेस नयनतारा की जोड़ी ने नौ अक्टूबर को अपने जुड़वां बच्चों के जन्म का एलान किया है.
सोशल मीडिया पर उन्हें इसके लिए मिल रही शुभकामनाओं के बीच तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने नयनतारा के बच्चों के जन्म का ज़िक्र कर दिया.
स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमणियन से सवाल पूछा गया कि “क्या नयनतारा और विग्नेश सिवन ने शादी के बाद इतनी जल्दी बच्चा पैदा करके सरोगेसी क़ानून का उल्लंघन किया है?”
इस पर मंत्री ने जवाब दिया, “ये बहस का मुद्दा है. हम मेडिकल सेवा महानिदेशालय के ज़रिए इस मामले की जांच करेंगे.”
हालांकि विग्नेश-नयनतारा दंपति ने अभी तक इस पर कुछ नहीं कहा है कि उनके जुड़वां बेटों का जन्म सरोगेसी के ज़रिए हुआ है या फिर सामान्य तरीके से. उनकी शादी इसी साल जून महीने में हुई थी.
इस मामले को लेकर इंटरनेट पर लोग सरोगेसी क़ानून और उससे जुड़े सवालों के बारे में जानकारी खोज रहे हैं तो सोशल मीडिया पर बहस भी की जा रही है.
दूसरी तरफ़, सरोगेसी का अधिकार किन्हें उपलब्ध है और किन्हें नहीं, इस पर भी बात हो रही है.
लोग पूछ रहे हैं कि क्या केवल शादीशुदा जोड़ों को ही सरोगेसी के ज़रिए बच्चा पैदा करने का अधिकार है और क्या समलैंगिक जोड़ों और ट्रांसजेंडर कपल्स को भी ये हक़ हासिल है?
इस क़ानून में किन्हें शामिल किया गया है और किन्हें इसके दायरे से बाहर रखा गया है? क्या सरोगेसी क़ानून में लैंगिक बराबरी का ख़्याल रखा गया है?