PM Kisan 12th Installment: सात दिन बाद खाते में आने लगेगा पीएम किसान का पैसा, चेक करें लिस्ट में अपना नाम
PM Kisan 12th Installment लंबे इंतजार के बाद पीएम किसान योजना की 12वीं किस्त की डेट रिलीज हो गई है। एक सप्ताह के भीतर सरकार इस योजना का पैसा खाते में जमा करना शुरू कर देगी। आप भी चेक कर लें कि लिस्ट में आपका नाम है या नहीं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। PM Kisan 12th Installment: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 अक्टूबर को एक समारोह में पीएम किसान की 12वीं किस्त जारी करेंगे। पीएम किसान की 12वीं किस्त कब आएगी, यह सवाल लंबे समय से लाखों किसानों को परेशान कर रहा था। अब आखिरकार इस बात से पर्दा उठ गया है कि किसानों के खाते में सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) का पैसा कब आएगा। इस बात की पूरी संभावना थी कि सरकार दिवाली से पहले पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त जारी कर देगी। लेकिन कोई निश्चित तिथि की जानकारी न होने पर पक्के तौर पर कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं था।
काफी समय से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम किसान की 12वीं किस्त दशहरा और दिवाली के बीच कभी भी जारी हो सकती है। अब पीएम किसान के पैसे को लेकर अटकलों का दौर थम जाएगा। 17 अक्टूबर के बाद से किसानों के खाते में इस योजना की 12वीं किस्त का पैसा जारी करना शुरू कर देगी।
किसानों को दिवाली का तोहफा
आपको बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पात्र किसानों को हर साल दो-दो हजार की तीन किस्तों में छह हजार रुपये दिए जाते हैं। सरकार की तरफ से दी जाने वाली यह सम्मान निधि किसानों को खेती-बारी के काम में आने वाली लागत और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए दी जाती है। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि से किसानों को 11 किस्तों में लगभग 2.10 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। 12वीं किस्त के तहत 10 करोड़ से अधिक किसानों को लगभग 20 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
वेरिफिकेशन के चलते हुई देरी
पीएम किसान योजना की 12वीं किस्त जारी करने से पहले सरकार ने लाभार्थियों के खाते का वेरिफिकेशन किया है। किस्त जारी करने से पहले कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों को लाभार्थी किसानों की पात्रता की जांच करने का निर्देश दिया था। दरअसल, इस योजना में बहुत से लोग फर्जी डॉक्युमेंट्स के जरिए किसान के रूप में पंजीकृत थे। ऐसे लोगों की स्क्रूटनी के लिए इस बार बहुत सख्ती बरती गई है। बैंक खाते, आधार नंबर और जमीन का डिजिटल ब्यौरा (खसरा-खतौनी) समेत कई तरह की जानकारियां किसानों से मांगी गई हैं और उनका वेरिफिकेशन किया जा रहा है। जो लोग नियमों के हिसाब से खरे नहीं उतरेंगे, उनकी किस्त रोकी जा सकती है।