JP ने 3 साल किया था.. आप 13 साल कीजिए’, नीतीश के खिलाफ BJP से भी तेज बैटिंग कर रहे RCP
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के पुण्यतिथि के मौके पर अलग-अलग राजनीतिक दलों ने श्रद्धांजलि दी। पटना से लेकर सिताब दियारा तक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जेपी के बहाने नेताओं ने एक-दूसरे को कोसने का मौका नहीं गंवाया। सबके निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे। जेपी जयंती के मौके पर नीतीश के प्रस्तावित नागालैंड दौरे से पहले, कभी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह ने सीएम से इस्तीफा मांग लिया।
‘मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) को नागालैंड जाकर काम करने का शौक है तो मुख्यमंत्री का पद छोड़ कर जाएं। जेपी ने 3 साल वहां की जनता की सेवा की थी, आप मुख्यमंत्री पद छोड़कर 13 साल तक कीजिए।’ रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP) बीजेपी से भी तेज बैटिंग सुशासन बाबू के खिलाफ कर रहे हैं। लोकनायक का नाम सुनते ही नेताओं का चेहरा चमक उठता है। बीजेपी के नेता नीतीश कुमार को कांग्रेस और उसके कार्यकाल की याद दिला रहे हैं। बिहार की सियासत में आज कल ‘पॉलिटिकल फेस्टिव वीक’ चल रहा है। जयप्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा में 7 अक्टूबर को करोड़ों की योजनाओं का सीएम नीतीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। 8 अक्टूबर को पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि देने के लिए जेपी के गांव पहुंचे। 11 अक्टूबर को जयंती के मौके पर लोकनायक की कर्मभूमि नागालैंड जा रहे। उधर, बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जेपी के गांव सिताब दियारा में जयंती मनाने आ रहे हैं। लिहाजा जेपी को लेकर पाटलिपुत्र की सियासत में जोश भर गया है।
‘मुख्यमंत्री पद छोड़ें तब जाएं नागालैंड’
लोकनायक जयप्रकाश नारायण को लेकर बिहार में खूब सियासी बयानबाजी हो रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेपी जयंती यानी 11 अक्टूबर को नागालैंड जा रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार आ रहे हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि ‘जेपी को जेल किसने भेजा? देश में इमरजेंसी किसने लगाई? छात्र आंदोलन किसके खिलाफ था? आज उसी के गोदी में (नीतीश कुमार) जाकर बैठ गए हैं। जेपी के तथाकथित अनुयायी (नीतीश कुमार) के नागालैंड जाने से काम नहीं चलेगा। जयप्रकाश जी ने नागालैंड में समय बिताया था। जनता की सेवा की थी। कभी सत्ता में नहीं रहे। उन्हें न मुख्यमंत्री बनने का शौक था, न ही प्रधानमंत्री बनने का। वो जनता के सच्चे सेवक थे। मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) को नागालैंड जाकर काम करने का शौक है तो मुख्यमंत्री का पद छोड़ कर जाएं। जेपी ने 3 साल वहां की जनता की सेवा की थी, आप मुख्यमंत्री पद छोड़कर 13 साल तक कीजिए।’