लालू यादव के फिर आरजेडी अध्यक्ष बनने से पहले सीबीआई की चार्जशीट, क्या है लैंड फॉर जॉब्स मामला
आरजेडी के अधिवेशन से पहले लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में चार्जशीट दायर होने से बिहार की सियासत गर्मा गई है। ये पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे।
लालू यादव एक बार फिर आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। इससे पहले ही रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। ऐसे में आरजेडी और लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बता दें कि लालू यादव फिर से राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। 9 और 10 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाले आरजेडी के अधिवेशन में इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
आरजेडी के अधिवेशन से पहले लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में चार्जशीट दायर होने से बिहार की सियासत गर्मा गई है। ये पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में कई लोगों को नियमों के खिलाफ जाकर नौकरियां दी गई थीं। इसके बदले में उनसे लालू परिवार के लोगों और उनके करीबियों के नाम जमीन लिखवाई गई।
क्या है लैंड फॉर जॉब्स स्कैम?
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें नौकरी दी गई थी। आरोपों के मुताबिक लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो पहले लोगों को अस्थायी तौर पर नौकरी दी गई। ये नौकरियां रेलवे में बिना किसी विज्ञापन के निकाली गई थी। अस्थायी तौर पर नियुक्ति के बाद नौकरी लेने वालों से जमीन गिफ्ट करवाई जाती थी। ये जमीनें लालू परिवार के लोगों के नाम पर करवाई जाती थी। लैंड डील पूरी होने के बाद अस्थायी कर्मचारी को स्थायी कर दिया जाता था। लालू के सैकड़ों सगे-संबंधियों और करीबियों को इसी तरह रेलवे में नियुक्ति दी गई।